यूं मेरे दिल को जलाया न करो ..
टूटकर करते हो तुम भी मोहब्बत मुझसे ,
तो फिर मुझसे यूं छुपाया न करो,,,
लेखक ----.निखिल "मीत "
(२) हर निगाह आज प्यासी है शायद ,
तेरे शहर छोडने कि उदासी है शायद,
तू मेरे दिल के करीब इतना है लेकिन ,
तेरे - मेरे बीच ये खामोसी है शायद ..
लेखक ----.निखिल "मीत "
(3) जाने से पहले कोइ तो पैगाम छोड़ा होता,
खाली ही सही कोई तो खत मेरे नाम छोड़ा होता ||
रह -रह के संजोई है ,मैने यादें तेरी इस दिल मे ,
इन यादों के अलावा भी तो कोई काम छोड होता ||
लेखक ----.निखिल "मीत "
(४) घर से निकलते वक्त माँ ने हाथ फिरोया था सिर पर ,
आज तक उस एक एहसास कि तपन न गई ,
लेखक ----.निखिल "मीत "
(५) मै खुद को जब भी, तेरी जुल्फों कि घनी छाँव मे पाता हू,
ऐसा लगता है, जैसे सारा आसमा सिमट आया हो जमीं पर,
लेखक ----.निखिल "मीत "
(६) अकेला था अकेला हुँ अकेला ही मुझे समझो,
यूं मेरे दिल के राजों को न इशारों मे तुम पुछो
वो प्यासा खुद ब खुद आयेगा चलकर तेरे दर पे ,
इन् फूलों से मह्कने का कोई हुनर तो तुम सीखो
लेखक ----.निखिल "मीत "
(७) तुम्हारी हर अदा के कायल हो गए हम तो ,
(8) तुम आओ यहाँ पर तो कोई बात बने ,
रूठ के यू न जाओ तो कोई बात बने |
क्यों रहते हो तुम भी अक्सर मायूस दिल से ,
अपना हाल -ऐ - दिल बताओ तो कोई बात बने |
लेखक--निखिल "मीत"
तुम्हारी नज़रों के तीरों से घायल हो गए हम तो ,
तुम जहाँ जाते हो हम भी साथ चलते है ,
तुम्हारे इन नर्म पांवो के पायल हो गए हम तो,
लेखक ----.निखिल "मीत "
(8) तुम आओ यहाँ पर तो कोई बात बने ,
रूठ के यू न जाओ तो कोई बात बने |
क्यों रहते हो तुम भी अक्सर मायूस दिल से ,
अपना हाल -ऐ - दिल बताओ तो कोई बात बने |
लेखक--निखिल "मीत"